Protohistoric Period History,All Details About ProtoHistoric Period,Sindhu sabhyata

Protohistoric Period

2. आद्य ऐतिहासिक काल
Proto Historic Period History

इस काल में मानव द्वारा लिखी गई लिपि को पढ़ा नहीं जा सकता है किंतु लिखित साक्ष्य मिले हैं इस काल के जानकारी के स्रोत भी पुरातात्विक साक्ष्य ही है इसमें सिंधु सभ्यता को रखते हैं

सिंधु सभ्यता ( Indus valley civilization )

  • यह सभ्यता सिंधु नदी के तट पर मिली थी इसलिए इसे सिंधु सभ्यता कहते हैं इसकी जानकारी के लिए पहली खुदाई हड़प्पा से हुई थी अतः इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहते हैं
  • सिंधु सभ्यता की जानकारी चार्ल्स मैसन ने (1826 ई.) में दिया था
  • सिंधु सभ्यता सर्वेक्षण जेम्स कनिंघम ने (1853 ई.) में किया
  • सिंधु सभ्यता 13 लाख वर्ग किलोमीटर में फैली है
  • लॉर्ड कर्जन ने 1904 ई. में पुरातत्व विभाग की स्थापना क्या था जिसके महा निर्देशक सर जॉन मार्शल थे
  • सिंधु सभ्यता का नामकरण जॉन मार्शल ने किया था
  • सिंधु सभ्यता की पहली खुदाई दयाराम साहनी ने की
  • सिंधु सभ्यता का आकार त्रिभुजाकार है
  • सिंधु सभ्यता विश्व की सबसे पहली शहरी सभ्यता थी
  • इसका विकास 2500 ई. पूर्व से 1750 पूर्व तक हुआ
  1. इसकी पश्चिमी सीमा पाकिस्तान के सुतकांगेडोर में थी ,जो दशक नदी के तट पर थी।
  2. इस की उत्तरी सीमा कश्मीर के मांडा में चिनाब नदी के तट पर थी इसकी खुदाई जगपति जोशी ने 1982 ई० में किया
  3. इस की पूर्वी सीमा उत्तर प्रदेश के आलमगीरपुर में थी जो हिंडन नदी के किनारे थी । यज्ञदत्त शर्मा के नेतृत्व में इसका उत्खनन हुआ ।
  4. इसकी दक्षिणी महाराष्ट्र के दैमाबाद में प्रवरा नदी के तट पर थी यहां से धातु का एक रथ ( इक्का गाड़ी ) का प्रमाण मिला है

सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल

    हड़प्पा ( 1921 )

    • इसकी खुदाई दयाराम साहनी ने की यह रावी नदी के तट पर पाकिस्तान के माउंट गोमरी जिला में स्थित है
    • पिग्गट में हड़प्पा और मोहनजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानी कहा
    • यहां से निम्नलिखित वस्तुएं मिली है -

    (1) कुम्हार का चाक   (2) अन्नागार   (3) श्रमिक आवास  
    (4) मातृ देवी की मूर्ति   (5) लकड़ी की ओखली   (6) लकड़ी का ताबूत   (7)R.H. 37 कब्रिस्तान   (8) हाथी का कपाल   (9) स्वास्तिक चिन्ह

    Note :- चांदी का सर्वप्रथम प्रयोग हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने ही किए थे

    मोहनजोदड़ो ( 1921 )

    • इसकी खुदाई सन 1921 ई. मे राखल दास बनर्जी ने की यह पाकिस्तान के लरकाना जिले में स्थित है यह सिंधु नदी के तट पर है
    • यह सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा शहर है
    • यहां मृतकों का एक बहुत बड़ा टीला मिला है
    • यहां से निम्नलिखित वस्तुएं मिली है -

    (1) पुरोहित आवास   (2) घर में कुआं   (3) विशाल स्नानागार   (4) अन्नागार   (5) सूती वस्त्र   (6) स्वास्तिक चिन्ह   (7) सबसे चौड़ी सड़क   (8)पशुपति शिव (9) कांसे की नर्तकी   (10) तांबे का ढेर

    Note :- मोहनजोदड़ो का अन्नागार सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा भवन या इमारत है

    Remark :- स्वास्तिक मोहर सर्वाधिक मोहनजोदड़ो से मिला है जिसका निर्माण सील खड़ी से हुआ था

    चन्हुदड़ो( 1931 )

    • इसकी खुदाई सन 1931 ई. मैं गोपाल मजूमदार ने की
    • यह पाकिस्तान में सिंधु नदी के तट पर स्थित है
    • यह एकमात्र शहर है जो दुर्ग रहित है
    • यही एक औद्योगिक शहर है
    • यहां से निम्नलिखित बस से मिली है -

    (1) मेकअप सामग्रियां   (2) लिपस्टिक   (3) शीशा   (4) मनका   (5) गुड़िया   (6) सोई   (7) अलंकृत ईट   (8) बिल्ली का पीछा करता हुआ कुत्ता

    रोपड़( 1553 )

    • इसकी खुदाई यज्ञदत्त शर्मा ने 1953 ई. में की यह पंजाब के सतलज नदी के किनारे स्थित है
    • यहां मानव के साथ-साथ उसके पालतू जानवरों का भी शव मिला है

    Note:- ऐसा ही शव नवपाषाण काल में जम्मू कश्मीर के बुर्ज होम मे मिला था

    बनवाली

    • इसकी खुदाई रविंद्र सिंह ने की यह हरियाणा में स्थित है इसके समीप रंगोई नदी है यहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं थी जिस कारण घरों में सोखता मिला है
    • यहां की सड़के टेढ़ी-मेढ़ी थी

    कालीबंगा

    • इसका अर्थ होता है काली मिट्टी की चूड़ी
    • यहां से अलंकृत ईट, चूड़ी, जोता हुआ खेत हल एवं हवन कुंड मिले हैं
    • यह राजस्थान में सरस्वती नदी के किनारे हनुमानगढ़ जिले में स्थित है
    • इसकी खोज अलमानंद घोष द्वारा की गई
    • इसकी खुदाई B.K. थापड तथा B.B. लाल ने की

    धोलावीरा

    • यह गुजरात में स्थित है यह सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा स्थान है
    • इसकी खुदाई रविंद्र सिंह बिष्ट ने की

    सुरकोटदा

    • यह गुजरात में स्थित है यहां से कलश शवाधान तथा घोड़ों की हड्डी मिली है
    • इसकी खुदाई जगपति जोशी ने करवाया

    लोथल

    • इसकी खुदाई S.R. Rao ने भोगवा नदी के किनारे अहमदाबाद गुजरात में किया
    • यह सिंधु सभ्यता का बंदरगाह स्थल है
    • यहां से गोदीवाडा का साक्ष्य मिला है
    • यहां घर के दरवाजे सड़कों की और खुलते थे
    • यहां फारस की मुहर मिली है जो विदेशी व्यापार का संकेत है
    • यहां से युगल शवाधान मिला है जो सतीप्रथा का प्रतीक है

    रंगपुर

    • यह गुजरात में स्थित है
    • यहां से धान की भूसी मिली है
    • सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा स्थान धोलावीरा है (गुजरात+ पाकिस्तान)
    • भारत में सबसे बड़ा स्थल राखीगढ़ी हरियाणा में है
    • सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा शहर मोहनजोदड़ो है

    कुणाल

    • यह हरियाणा के हिसार जिला में स्थित है
    • यहां से चांदी के दो मुकुट मिला है

    सिंधु सभ्यता की विशेषताएं

    • सिंधु सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी
    • यहां की सड़क एक दूसरे को समकोण पर काटती है तथा यह पूरब पश्चिम दिशा में थी जिससे हवा द्वारा सड़क स्वत साफ हो जाती थी
    • नालियों ढकी हुई थी
    • अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि था
    • इसका व्यापार विदेशों से होता था
    • सिंधु सभ्यता का समाज 4 वर्गों में बांटा हुआ था

    1) विद्वान   2) योद्धा   3) व्यापारी एवं शिल्पकार   4) श्रमिक

    • इनका समाज मातृ सत्तात्मक था
    • इनकी लिपि भाव चित्रात्मक थी जिसे पढ़ा नहीं गया इस लिपि को दाएं से बाएं की ओर लिखी जाती थी
    • इनके मोहरों पर सर्वाधिक एक सिंह वाले जानवर का चित्र था
    • इनके मोहरों पर गाय तथा सिंह का चित्र नहीं मिला
    • इनके मोहरों पर गाय तथा सिंह का चित्र नहीं मिला
    • हड़प्पा सभ्यता के मोहरों में सेलखरी का मुख्य रूप से किया गया था
    • सिंधु घाटी सभ्यता के लोग लोहे से परिचित नहीं थे
    • यहां माप तोल के लिए न्यूनतम बाट 16 kg. का था
    • सिंधु सभ्यता के लोग युद्ध या तलवार से परिचित नहीं थे
    • सिंधु सभ्यता में मिट्टी के बर्तनों में लाल रंग का उपयोग होता था
    • सिंधुवासी विश्व में कपास के प्रथम उत्पादक थे
    • सिंधु सभ्यता के विनाश का सबसे बड़ा कारण बाढ़ को माना जाता है
    • सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कृषि भी करते थे पशु पालन भी करते थे परंतु उनका मुख्य व्यवसाय व्यापार था

    • सिन्धु सभ्यता के पतन के कारण

    मेसोपोटामिया की सभ्यता (10,000 ई. पू.)

    • इसका विकास इराक में टिगरिस एवं यूफ्रेट्स नदी नदियों के मध्य में हुआ है
    • यहां की मिट्टी अत्याधिक उपजाऊ थी यह सभ्यता ग्रामीण थी इसके अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि था
    • इस समय के मंदिरों को जीगुरद कहा जाता था
    • मेसोपोटामिया की सभ्यता के 4 भाग थे

    1) सोमेरियन की सभ्यता   2) बेबीलोन की सभ्यता   3) सीरिया की सभ्यता   4) कैल्ड्रिया की सभ्यता

    • झूलता हुआ बगीचा बेबीलोन में स्थित है
    • सिकंदर ने इस सभ्यता का विनाश कर दिया और इसके स्थान पर ग्रीक सभ्यता को थोप दिया
    • विश्व की सबसे पहली सभ्यता मेसोपोटामिया की सभ्यता थी जबकि विश्व की पहली नगरिय सभ्यता सिंधु सभ्यता थी

    मिस्र की सभ्यता (2100 ई. पू.)

    • यह मिस्त्र के रेगिस्तानो में स्थित है
    • इसे नील नदी की देन कहते हैं
    • इस सभ्यता की विकास फिरौन के नेतृत्व में किया गया था
    • इस सभ्यता में पिरामिड सूर्य कैलेंडर तथा ममी का विकास हुआ था अर्थात इस सभ्यता का रसायन शास्त्र सृदृढ़ था
    • गीजा का पिरामिड सबसे प्रसिद्ध है

    रोम की सभ्यता (600 ई. पू.)

    • इसे इटली में विकसित किया गया था
    • इन्होंने पूरे भूमध्य सागर का अधिकार कर लिया था
    • प्राचीन सभ्यता के यह सबसे विकसित सभ्यता थी आज भी इस सभ्यता के अवशेष सुरक्षित बचे हुए हैं जो पर्यटन का आकर्षण केंद्र है
    • इस सभ्यता के दो सबसे बड़े राजा जुलियस सीजर एवं अगस्तस थे

    Note:- जुलियस सीजर की हत्या धोखे से उसके मंत्रिमंडल द्वारा कर दी गई

    • जुलियस सीजर नामक नाटक (William Shakespeare) ने लिखा है

    फारस की सभ्यता (500 ई.पू.)

    • यह वर्तमान ईरान में थी इस सभ्यता का विकास तेजी से हुआ था इन्होंने पूरे अरब प्रायद्वीप पर अधिकार कर लिया था
    • इनकी भाषा फारसी थी तथा पारसी धर्म को मानते थे
    • सिकंदर ने इस धर्म का अंत कर दिया

    स्पाटा

    • स्पाटा अपने बहादुर सैनिकों के लिए विख्यात है यह ग्रीस के पास का एक छोटा सा क्षेत्र था
    • स्पाटा के मात्र 300 सैनिक ने लियोनाइट्स के नेतृत्व में ग्रीस के 20000 सैनिकों को मात दे दी थी
    • ग्रीस की विशाल सेना का नेतृत्व जर्कसिज कर रहा था
    • जर्कसीज ने धोखे से (Spartans) को हरा दिया

    पीली नदी की सभ्यता -

    • यह चीन में 5000 ई.पू. विकसित थी ह्वांगहो नदी के तट पर इसका विस्तार था यह सभ्यता अपने उपजाऊ भूमि के लिए प्रसिद्ध थी
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